कैसे राज़ समझ में आया पता नहीं
Thursday 25 June, 2009
Wednesday 24 June, 2009
Tuesday 23 June, 2009
Sunday 21 June, 2009
बहला-फुसला कर वह मुझको
बहला-फुसला कर वह मुझको कुछ ऐसे भरमाता है
सात समंदर पार का सपना सपना ही रह जाता है
Saturday 20 June, 2009
कभी फूल को चाँद कह कर पुकारा
कभी फूल को चाँद कह कर पुकारा
कभी नाम खुशबू दिया चांदनी को
चकित हैं सितारे नजारे अचंभित
हुआ क्या अरे क्या हुआ आदमी को
Wednesday 17 June, 2009
नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे
नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे कैसी जोर-ज़बरदस्ती
प्यार मुसीबत निकला यारों हम तो समझे थे मस्ती
Tuesday 16 June, 2009
Monday 15 June, 2009
Thursday 11 June, 2009
Monday 8 June, 2009
फ़ैल रही है घोर निराशा
फ़ैल रही है घोर निराशा कमजोरों लाचारों में
बैद-हकीम-चिकित्सक सारे खुद शामिल बीमारों में
Sunday 7 June, 2009
Saturday 6 June, 2009
उनके गुस्से से घबरा मत
उनके गुस्से से घबरा मत कर मत रंज सजा पर तू
उनकी नज़रें हर पल तुम पर खुश रह इसी बिना पर तू
Friday 5 June, 2009
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