चरणों में सब धर आया मैं दीवाना
तेरे दीवानों की बस्ती में जा कर
सुन कैसे बच कर आया मैं दीवाना
उनके सम्मोहन में इतनी ताक़त थी
फिर क्यों अपने घर आया मैं दीवाना
गैरों में बिंदास घूम कर आता हूँ
पर अपनों से डर आया मैं दीवाना
जाने क्या क्या करने को मैं निकला था
जाने क्या क्या कर आया मैं दीवाना
"जोगेश्वर" पर इल्जामों की पोटलियाँ
इक मंदिर में धर आया मैं दीवाना
3 comments:
badhiya hai diwana......lage rahe
अभियोगी रे भरी कचहरी मेरा दोष बताना रे
या तो इन आंखों का पानी झूठा या झूठा अभियोग
अन्यायी रे सूली चढ़ाने से पहले जरा आंख मिलाना रे...
अभियोगी रे...
"जोगेश्वर" पर इल्जामों की पोटलियाँ
इक मंदिर में धर आया मैं दीवाना
बहुत बढ़िया
वीनस केसरी
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