Subscribe

RSS Feed (xml)

Powered By

Skin Design:
Free Blogger Skins

Powered by Blogger

Friday, 24 April 2009

बेल ज़हरीली

बेल ज़हरीली हमारे बाग़ को डसने लगी
देखिये धरती बिचारी बोझ से धंसने लगी

Thursday, 16 April 2009

सच कहा तो हो गया

सच कहा तो हो गया सीना सवाया फूल कर
इस ज़माने की नज़र में वह हिमाक़त थी मगर

Wednesday, 15 April 2009

बिचारा आदमी

बिचारा आदमी रोये कहाँ यारों
भरोसेमंद अब कंधे कहाँ यारों

Tuesday, 14 April 2009

आर-पार शीशे का घर

आर-पार शीशे का घर
सब कुछ दिख जाने का डर

Sunday, 12 April 2009

आसमान से आग

आसमान से आग उगलता यह ऐसा सावन क्यों था
सारी दुनिया थी तो थी पर तू मेरा दुश्मन क्यों था

Friday, 10 April 2009

पूजिए इंसान को

पूजिए इंसान को कानून हो गया
और फ़िर इंसानियत का खून हो गया

Wednesday, 8 April 2009

विजय पराजय

विजय-पराजय यश-अपयश पर इठलाना मुरझाना क्या
ये सब बातें आनी जानी पाना क्या खो जाना क्या

Tuesday, 7 April 2009

ऊपरवाला दे देता है

ऊपरवाला दे देता है क्यों ऐसा वरदान सदा
मैं जिस पत्थर को भी पूजूं बन जाए भगवान सदा

Friday, 3 April 2009

उपदेशों की

उपदेशों की आदेशों की झड़ी लगाने वाले ने
मुझे कहाँ ला छोडा मुझको राह दिखाने वाले ने