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Saturday, 1 August 2009

मित्रता दिवस पर विशेष

ज़िंदगी तूफाँ किनारा मित्रता

हर मुसीबत में सहारा मित्रता

पथ-प्रदर्शक दिशा-दर्शक है सदा

घोर मावस में सितारा मित्रता

सरलता से मित्र अच्छे कब मिले

है सदा मुश्किल नज़ारा मित्रता

टूट जाए बेवकूफी से कभी

फ़िर नहीं होती दुबारा मित्रता

एक झरना अनवरत आनंद का

और खुशियों का पिटारा मित्रता

3 comments:

Udan Tashtari said...

एक झरना अनवरत आनंद का

और खुशियों का पिटारा मित्रता


-बेहतरीन बात!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

दोस्ती का जज़्बा सलामत रहे।
मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।

Bharat Bhushan said...

मित्रता की रंगबिरंगी छटाएँ इस रचना में उभरी हैं. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.