आईने की हर कमी गिनवाइये
शक्ल पर अपनी कभी मत जाइए
आपसे है यह ज़मीं समझाइये
ख़ुद लगाओ दूसरों को रात-दिन
स्वयं भी मस्का सदा लगवाइये
कौन है ढूंढो तुम्हारे काम का
रात-दिन फ़िर गुण उसी के गाइए
पाँव भटके या चुनी राहें ग़लत
इस हकीक़त को सदा झुठलाइये
सीढियां जो कामयाबी दे तुम्हें
शिखर पर जाकर उन्हें कटवाइए
सफलता के सूत्र "जोगेश्वर" सुनो
छोड़ कर जिद अब इन्हें अपनाइए
1 comment:
सही है भाई.
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