ऐसी कोई बात न करना
भरी दुपहरी रात न करना
वचन दे दिया अगर किसी को
हरगिज भीतर घात न करना
हंसी ठिठोली करते करते
अंतस पर आघात न करना
कोई अपना राज़ बताये
उसे कभी विख्यात न करना
खूब निमंत्रण दे दे कोई
द्युत-क्रीडा की बात न करना
बिन पानी रह जायेंगे हम
ज़हरीली बरसात न करना
कितनी भी कड़वाहट आए
अपनों पर आघात न करना
और किसी का मोल लगाओ
"जोगेश्वर" की बात न करना
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
वाह वाह जोगेश्वर भाई आपने तो पूरा ब्लॉग की काया पलट कर दी बहुत सुन्दर
और किसी का मोल लगाओ
"जोगेश्वर" की बात न करना
आज की गजल में केवल मक्ता पसंद आया
एक बात बताइए आप ब्लोगिंग में केवल पोस्ट करते है या दूसरों की पोस्ट पढ़ते भी है
ये सवाल इस लिए की आज तक किसी ब्लॉग में आपका कोई कमेन्ट नहीं देखा :)
venus kesari
whaaa bhaisab....
Post a Comment