Subscribe

RSS Feed (xml)

Powered By

Skin Design:
Free Blogger Skins

Powered by Blogger

Saturday, 29 May 2010

जैसे ख्वाब दिखाए तूने

जैसे ख्वाब दिखाए तूने वैसी अब ताबीरें दे
मेरी आँखों में बस जाए ऐसी कुछ तस्वीरें दे

और मुझे कुछ दे या ना दे मौला तेरी मर्जी है
दानिशमंदी की दौलत दे हिम्मत की जागीरें दे

राम भरोसे मुल्क हमारा जो होगा अच्छा होगा
नेता से उम्मीद यही बस अच्छी सी तक़रीरें दे

जब चाहूँ तब बातें तुझसे जब चाहूँ दीदार तेरा
मेरे हाथों में भी मालिक ऐसी चंद लकीरें दे

मेरे हिस्से की खुशियाँ सब मेरे अपनों में बांटो
और मुझे झोली भर-भर के उन अपनों की पीरें दे

जीवन के इस महा समर में अभी बहुत लड़ना बाकी
दिल में खूब हौसला भर दे हाथों में शमशीरें दे

मन तेरा चंचल "जोगेश्वर" इसे भटकने से रोको
तगड़े-तगड़े ताले जड़ दे मोटी-सी जंजीरें दे

4 comments:

Ra said...

क्या बात है ,,,वाह ! फिर से तीर निशाने पर ....बहुत खूब ....

माधव( Madhav) said...

nice

Shekhar Kumawat said...

मेरे हिस्से की खुशियाँ सब मेरे अपनों में बांटो


yaha dil le liya aap ne hamara

ab wah ! wah ! wah ! wah ! hi kaha ja sakta he

वीनस केसरी said...

राम भरोसे मुल्क हमारा जो होगा अच्छा होगा
नेता से उम्मीद यही बस अच्छी सी तक़रीरें दे

बहुत खूब

मक्ता भी बहुत पसंद आया

97 :)