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Sunday 8 March, 2009

टेढी मेढी चाल

टेढी मेढी चाल सितारे छोड़ सकें तो अच्छा है

या फिर हम उन चालों का रुख मोड़ सकें तो अच्छा है

विश्वासों में खूब दरारें नफ़रत की दीवारें भी

ऐसे में हम दिल को दिल से जोड़ सकें तो अच्छा है

धुल न जाएँ अक्षर सारे दर्द समेटे इस ख़त के

आंसू के इस दरिया का रुख मोड़ सकें तो अच्छा है

आओ हम विश्वास जगाएं कमजोरों के भी दिल में

बैसाखी को छोडें सरपट दौड़ सकें तो अच्छा है

अहम् वहम अभिमान अदावत नफ़रत गुस्सा साजिश भी

बदरंगे इन गुब्बारों को फोड़ सकें तो अच्छा है

"जोगेश्वर" अभिमन्यु हो यह इच्छा है कुछ यारों की

अर्जुन बन हर चक्रव्यूह को तोड़ सकें तो अच्छा है