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Saturday, 7 March 2009

नादानी है

पहले ऊंची जात कहूं तो नादानी है
फिर अपनी औकात कहूं तो नादानी है



कैसे कह दूं दिन इन काली रातों को मैं
उजले दिन को रात कहूं तो नादानी है


जिनका चलन हूबहू खबरी चैनल सा है
उनसे दिल की बात कहूं तो नादानी है


उसने मेरी कमियाँ मुझको गिनवाई थी
इसको भीतरघात कहूं तो नादानी है


"जोगेश्वर" ने दांव ग़लत खेला तो है पर
इसको अपनी मात कहूं तो नादानी है

6 comments:

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है ,लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ............
होली के शुभ पर्व पर बधाई ...........

रचना गौड़ ’भारती’ said...

ब्लोगिंग जगत मे स्वागत है
सुंदर रचना के लिए बधाई
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

Satish Chandra Satyarthi said...

"आओ हम विश्वास जगाएं कमजोरों के भी दिल में

बैसाखी को छोडें सरपट दौड़ सकें तो अच्छा है"
क्या बात है. बहुत ही सुन्दर लिखा है.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

jogeshwar jee jai ram jee ki. aap ek kavi bhee hain aaj malum huya. aap sriganganagar aate rahen hain isliye janta hun. narayan narayan
09414246080

Dev Vyas said...

आप पधारे इस दुनिया में ब्लोगर मुस्काकर बोला
नयी रचनाएँ, गजल, कहानी हमें मिलेगी अच्छा है.

ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है.......

Unknown said...

An RSS follower has started blog details for minority pleasing para, we want to know more about challanges you faced and the amendments made in ayurvedic department as a son of ayurvedic chikitsak as well as future prospects.
Jai Shree Krishna
C S Sharma