छोटे से जीवन को क्या खूब जिया मैंने
क्या स्वर्ग लुभाएगा क्या नर्क डराएगा
धरती पर पंडितजी सब देख लिया मैंने
अमृत की खातिर तो लड़ते हैं लोग सभी
प्याला मीरा वाला खामोश पिया मैंने
यारों के बारे में क्या बात बुरी बोलूँ
दुश्मन को भी दिल से बस प्यार किया मैंने
फल देना ना देना हे ईश तेरी मर्जी
तूने आदेश दिया वह काम किया मैंने
जीते तो "जोगेश्वर" है चतुर सयाना तू
हारे तो औरों पर इल्जाम दिया मैंने
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