सच में कड़वे खारे लोग
पूछ नहीं तू उनकी सोच
हैं संकरे गलियारे लोग
जब हो कुछ मतलब की बात
मुझको खूब दुलारे लोग
कहे पीठ पर मुख पर मौन
वो ही सब को प्यारे लोग
इसकी उसको करते बात
जैसे हो हरकारे लोग
एक ज़रा उंगली दब जाए
चीखे और पुकारे लोग
खुद को भला सुधारे कौन
सब को खूब सुधारे लोग
देते रहते हैं उपदेश
"जोगेश्वर" को सारे लोग
3 comments:
bahut badhiya rachana.
निरन्तर: जोग - जरा मुस्कुरा दें
Beautiful,Keep it continue
nice
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