ज़नाब की गलतफहम निगाह का शिकार है
मिसाल आपने रखी वही कहाँ मिसाल थी
हुज़ूर दिल इसीलिये उदास बेकरार है
चुनाव बाद वोट गिन लिए गए नतीजतन
इधर खिजा पसर गयी उधर सजी बहार है
दुकानदार ने कहा दुकान और ढूँढिये
भनक लगी उसे यहाँ नक़द नहीं उधार है
रखी जुबान बंद तो ख़याल था पता चले
मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेकरार है
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