Subscribe

RSS Feed (xml)

Powered By

Skin Design:
Free Blogger Skins

Powered by Blogger

Wednesday, 24 June 2009

हर मुश्किल का हल निकलेगा

हर मुश्किल का हल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा

बहुत भरोसा मत कर लेना
उसमें आखिर छल निकलेगा

रस्सी तो जल चुकी मगर अब
कैसे उसका बल निकलेगा

पग पग घात लगाए दुश्मन
कैसे संभल संभल निकलेगा

भागे मरीचिका के पीछे
शायद आगे जल निकलेगा

किसे पता था सर का साया
आवारा बादल निकलेगा

दिल में से निकलेगा कैसे
आँखों से ओझल निकलेगा

कब सोचा था मेरा मितवा
मुझसा ही पागल निकलेगा

तेरे साथ बरस भी पल सा
तुम बिन मुश्किल पल निकलेगा

पत्थर दिल लगता उपरसे
भीतर से कोमल निकलेगा

मत छेडो दिल की परतों को
बुरी तरह घायल निकलेगा

तू जो साथ चले "जोगेश्वर"
रस्ता बहुत सरल निकलेगा

7 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया रचना है।बधाई स्वीकारें।

रंजना said...

तेरे साथ बरस भी पल सा
तुम बिन मुश्किल पल निकलेगा

Waah ! Waah ! Waah ! lajawaab rachna....bahut hi sundar...aanand aa gaya padhkar..aabhar.

ओम आर्य said...

pathar dil lagata hai lekin andar se komal nikalega bahut khub kahi aapne ..........ek ek sher kafi sundar ban pade hai.........

नीरज गोस्वामी said...

मत छेडो दिल की परतों को
बुरी तरह घायल निकलेगा

वाह जोगेश्वर जी वाह...सीधे साधे शब्दों में बहुत सी बातें कह गए आप...बहुत बढ़िया ग़ज़ल...बधाई...
नीरज

सदा said...

हर मुश्किल का हल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा !

बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Unknown said...

हल तो बिल्कुल निकलेगा सरजी
सत्य चुप हो सकता है हार नहीं सकता
क्योंकि मेरे आदरणीय लिख गए हैं
जब बोलना गुनाह हो तो मौन में विश्वास हो
इक बार झूमेंगी डालियां और अर्चना की भी थालियां
बस आंचल में सिमटा प्यार हो चरणों में पुण्य प्रकाश हो
प्रतिपल कहानी चल रही चाहे प्यार हो परिहास हो
मुझे जिन्दगी की प्यास हो

अच्छा लिख रहे हैं लग रहा है कि ये बातें जीवन में उतरें तो जोगेश्वर जालोरी अटल बिहारी की जगह भी.......

Udan Tashtari said...

हर मुश्किल का हल निकलेगा
आज नहीं तो कल निकलेगा


-यही आशावाद चाहिये.